Not known Facts About भूत की कहानी

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. यह तो हमारे गांव का ही इंसान है..मुझे जल्दी जा कर यह बात सबको बतानी होगी..

लेकिन सबसे ज्यादा भयावह मंजर वो होता है जब शीशे में आलिया अपने बाल संवारते हुए दिखाई देती हैयूं तो वैले हाउस को अपना सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है लेकिन अभी भी वहां कोई नहीं जाता.

मुखिया जी : तुम बीच में मत बोलो.. तुम अभी बच्चे हो..वहां अगर कोई इंसान गया तो वह भूत उसे भी बाकियों की तरह गायब कर देगा..

कहानी से सीख- समस्या चाहे कैसी भी हो, अगर बुद्धि का प्रयोग किया जाए तो उससे निजात पाया जा सकता है।

" फिर पता चला कि वहाँ एक बूड़ा माली काम करता था जो हमेशा वही उस स्पेस में सोता था और एक सुबह वही सोया हुआ मृत पाया गया था यानीकि वह बूढ़े की आत्मा जो अरविंद ने बताई थी वह उसीकी थी। इसके बाद हमने वहाँ पूजा करवाई।

गुरु जी अपने भूतिया चेलो के पास जाते है और सारी बात बताते है। अब दुगुना राशन पहलवान के घर पहुंचाना होगा, इस पर इस बात पर सभी चेले सिर पीट कर रह जाते है।

” जादूगर ने हंसते हुए कहा, “हाँ, राजू, लेकिन यह तुम्हारे मन की पथरीली दुनिया में होगा, जो तुम्हें सच्ची खुशी देगी।”

इसके बाद मोहन उस औरत के साथ उसी घर में रहने लगा। मोहन को भैंसों here का दूध पीने के अलावा कोई काम नहीं आता था। ऐसे में कुछ दिन बाद जब घर का राशन खत्म होने लगा तो महिला ने उससे कहा कि वह बाहर जाकर कुछ कमा कर लेकर आए या फिर राजा के पास जाकर खेती के लिए जमीन मांग ले ताकि वह खेती कर अपना भरण पोषण कर सके।

दुनिया में ऐसे अनगिनत रहस्य है। जिनके बारे में हम अनजान है, ये रहस्य बेहद ही डरावने और रोमांच से भरे है। हम आपको यहाँ पर ऐसे ही अनजाने रहस्यों के बारे में बताएँगे ...

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दिन भर के बाद, राज और सुनील ने भूतों के शहर का नक्शा बनाया और गाँव वापस लौटे। गाँववालों को बताया गया कि भूतों का शहर एक मज़ेदार और खुशी-खुशी जगह है और उन्हें डरने की जरूरत नहीं है।

  एक रात उसे ऐसा लगा जैसे उसके कान के पास कोई आवाज़ मंडरा रही हो। उसे लगा मच्छर है और उसने हवा में अपने हात एक बार फैलाकर फिरसे सो गया। लेकिन फिर उसे लगा जैसे कोई उसके कानों में मुँह से हवा फूंक रहा था। वह झट से उठा और उसने इधर उधर देखा तो एक भूड़ा बहुत ही विचित्र ढंग से बहुत ही धीरे से सीढ़िया चढ़ते हुवे गुजरातियों के घर के तरफ चल रहा था।

इस रूप में, उस चुप्पी वाले कब्रिस्तान ने एक नये रूप में जीवन को स्वीकार करने की राह दिखाई, और लोगों को जीवन के सच्चे मायने समझाने का एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया।

राज ने भूतनी से मिलकर बातचीत की और उसने समझा कि यह सब केवल किसी खास मौके पर गाँववालों को मज़ा करने के लिए किया जाता है। इसके बाद राज और सुनील ने मेले में शामिल होकर भूतों के साथ खेले और हंसी-मजाक में वक्त बिताया।

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